
खरसिया से शिक्षा विभाग का एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है जहां एक आदिवासी छात्रा नंदिनी सिदार के साथ प्रिंसिपल और टीचर द्वारा उसका मनोबल तोड़कर उसे एडमिशन नहीं दिया गया।

बता दे की मामला खरसिया के लाल बहादुर शास्त्री उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है जहा पर पुरानी बस्ती निवासी छात्रा नंदिनी सीदार 11 वी में बायोलॉजी के विषय से एडमिशन लेकर डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा करना चाहती थी , जिसके लिए वो स्कूल एडमिशन लेने पहुंची जहां छात्रा के बताए अनुसार इसके साथ बदसलूकी की गई एवम उसे फैल हो जाएगी तू नही कर पाएंगी ऐसा कहकर उसके मनोबल को तोड़कर उसका एडमिशन नहीं लेंगे कहकर भागा दिया गया, जबकि उससे कम परसेंटेज वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया गया , बच्ची से जानबूझकर कड़े सवाल किए गए जिसका जवाब वो नही दे सकी। डरी सहमी सी बच्ची को कई बार प्रताड़ित कर के वापस भेज दिया गया
इस तरह के कड़े व्यवहार से दुखी छात्रा अब स्कूल में एडमिशन लेने से दर रही है के आगे चलकर उसके साथ कोई अनहोनी न हो जाए ,बच्ची की मां के बताए अनुसार बच्ची इतनी दुखी है की वो खाना भी सही ढंग से नहीं खा रही है।
इस तरीके का व्यवहार बच्ची ही नही बल्कि पूरे समाज के लिए घातक हो सकता है जहां एक तरफ बेटी को शासन द्वारा आगे बढ़ाने को प्रोत्साहित किया जाता है वही दूसरी तरफ ऐसे शिक्षकों द्वारा बेटियो के मनोबल गिराया जा रहा है।

शासन प्रशासन द्वारा यह गंभीर विषय पर ध्यान रखना होगा


