


रिपोर्टर: संजीत गोस्वामी ‘रितुराज’ | आई.सी. न्यूज़ नेशन | प्रस्तुति: जिला पर्यटन संवर्धन परिषद, गोड्डा
झारखंड राज्य के गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड अंतर्गत स्थित मां योगिनी स्थान एक अत्यंत दिव्य, रहस्यमयी और शक्तिशाली तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। यह पावन धाम न केवल स्थानीय लोगों की श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि दूर-दूर से आने वाले भक्तों के लिए भी एक अडिग आस्था का प्रतीक बन चुका है।
मान्यता है कि यह स्थान मां पार्वती के 52 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसी पौराणिक कथा प्रचलित है कि सती के शरीर के जो अंश जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्ति की उपासना के स्थल बने। मां योगिनी स्थान पर मां सती की दाईं आंख गिरी थी, इसलिए इसे “योगिनी शक्तिपीठ” के रूप में जाना जाता है।
यहां मां की उपासना करने से मानव जीवन के हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। चाहे मानसिक विक्षिप्तता हो, शारीरिक पीड़ा हो या संतान प्राप्ति की इच्छा—जो भी श्रद्धा और विश्वास के साथ मां योगिनी के चरणों में शीश झुकाता है, मां उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं।
हर अमावस्या और पूर्णिमा को यहां विशेष हवन, यज्ञ, पूजन-अर्चन का आयोजन होता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं। इन आयोजनों के माध्यम से मां की शक्ति को जागृत और सुदृढ़ रखा जाता है, जिससे समस्त भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहे।
यह स्थल गोड्डा जिला पर्यटन संवर्धन परिषद द्वारा भी एक विशेष धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है, जो आने वाले समय में न केवल अध्यात्म का केंद्र बनेगा, बल्कि स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर का संवाहक भी सिद्ध होगा।
जय मां योगिनी!